अलवर जिला कलेक्टर अर्तिका शुक्ला के नेतृत्व में आज मिनी सचिवालय में अलग-अलग एजेंसियों के साथ वायु प्रदूषण के नियंत्रण को लेकर बैठक की गई। कलेक्टर ने बातचीत में बताया कि केंद्र से आए डायरेक्टर गार्गव ने एक रिव्यू मीटिंग ली थी और साथ ही शहर का भ्रमण भी किया और अलवर में बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए के लिये ट्रैफिक पुलिस, वन विभाग, नगर निगम और PWD के साथ बैठक की गई, जिसमें प्रदूषण कम करने के बारे में काफी प्लान बताए गए। बैठक में निर्धारित योजना के अनुसार अब जिला कलेक्टर के नेतृत्व में चार एजेंसियां काम करेंगी और आने वाले एक वर्ष में वायु प्रदूषण की रोकथाम करने का प्रयास किया जाएगा। कलेक्टर ने बताया कि राजस्थान की 43 सिटी में अलवर सबसे नीचे के स्थान पर है। प्रदूषण को रोकने के लिए जो प्लान बनाया गया है उसे आने वाले 10 दिन में केंद्र सरकार के पास भेज दिया जाएगा और जैसे ही वो मंजूर हो जाता है। उसके बाद अलवर की हवा को स्वच्छ करने को लेकर चारों एजेंसियां काम में जुट जाएंगी।प्रदूषण नियंत्रण को लेकर बाकी विभागों को भी सख्त निर्देश दिए गए हैं कि शहर में कहीं भी खुले में कचरा फैलाने, वाहन पॉल्यूशन और निर्माण कार्यों से संबंधित कामों पर नजर रखी जाए। कलेक्टर ने कहा कि यदि शहर के लोग जागृत हो जाएं और छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें तो प्रदूषण को कम किया जा सकता है। अलवर के वायु प्रदूषण की हालत यह है कि राज्य के 43 जिलों में इसका 42 नंबर है जो कि अपने आप में ही चिंताजनक है। यदि हालात नहीं सुधरे तो अलवर का वायु प्रदूषण दिल्ली के बराबर हो जाएगा और इसका दुष्परिणाम यह होगा कि शहर में सांस और दमे के रोगियों की संख्या बेतहाशा बढ़ जाएगी।
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