महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा के लिए चुनाव की डुगडुगी बजने के साथ ही दोनों राज्य में राजनीतिक दलों की साख दांव पर लग गई है। महाराष्ट्र में एनडीए की साख दांव पर है तो झारखंड में इंडिया गठबंधन की। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने महाराष्ट्र में 13 नवंबर को और झारखंड में 13 और 20 नवंबर को मतदान कराने का ऐलान किया। इसी के साथ उन्होंने 15 राज्य में खाली हुईं विधानसभा और लोकसभा सीटों के उपचुनाव की तिथियों की भी घोषणा की। सभी नतीजे 23 नवंबर को आएंगे। चुनाव नतीजों से महाराष्ट्र में शिवसेना और एनसीपी में हुए विभाजन और एकनाथ शिंदे के कामकाज का आंकलन होगा। इसका असर चार महीने बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव पर भी पड़ेगा। नतीजों का केंद्र में मोदी सरकार पर असर भले ना पड़े लेकिन इससे भावी समीकरण जरूर प्रभावित होंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ने एक बार फिर ईवीएम को 100 प्रतिशत सुरक्षित बताया। उन्होंने कहा कि लोग पूछते हैं कि किसी देश में पेजर से ब्लॉस्ट कर देते हैं, तो ईवीएम को क्यों नहीं हैक कर सकते? पेजर कनेक्टेड होता है, ईवीएम नहीं। ईवीएम की चेकिंग 6 महीने पहले शुरू हो जाती है। हरियाणा चुनाव में स्ट्रांग रूप में बंद ईवीएम की बैट्री कथित तौर पर 90 प्रतिशत तक चार्ज पाए जाने को लेकर उठाए सवालों को मुख्य चुनाव आयुक्त ने खारिज किया। उन्होंने बताया कि मतदान से 5-6 दिन पहले ईवीएम की कमिशनिंग होती है। इस दिन सिंबल और बैट्री डाली जाती है। बैट्री पर भी एजेंट के हस्ताक्षर डाले जाते हैं। स्ट्रॉग रूम में त्रिस्तरीय जांच होती है। उन्होंने कहा कि ईवीएम को लेकर 20 शिकायतें आई हैं। हम हर सवाल का तथ्यात्मक रूप से जवाब देते हुए प्रकाशित भी करेंगे।
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