सुप्रीम कोर्ट, आज (16 अक्टूबर) को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) पर 2022 में दिए गए अपने फैसले के खिलाफ दायर रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई करेगी। 18 सितंबर को मामले की सुनवाई होनी थी, लेकिन एक जज के मौजूद न होने के कारण सुनवाई 16-17 अक्टूबर के लिए आगे बढ़ा दी गई। यह सुनवाई उस दो साल पुराने फैसले की समीक्षा के लिए की जा रही है, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ED) को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत व्यक्तियों को गिरफ्तार करने, समन जारी करने और निजी संपत्तियों पर छापेमारी करने के असीमित अधिकार दिए गए थे। जस्टिस सूर्यकांत की अगुआई वाली स्पेशल बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। बेंच में जस्टिस सीटी रविकुमार और जस्टिस उज्जल भुइयां भी हैं। जस्टिस सीटी रविकुमार, 2022 में फैसला देने वाली बेंच में भी शामिल थे। मेन रिव्यू पिटीशन कांग्रेस सांसद कार्ति पी चिदंबरम ने दायर की है। तत्कालीन CJI एनवी रमन्ना, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने अगस्त 2022 में ओपन कोर्ट सुनवाई की थी। यानी इसमें मीडिया और आम लोगों को कार्यवाही देखने की परमिशन दी गई थी। चीफ जस्टिस रमन्ना ने कहा था- यह कानून बहुत अहम है। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ 2 पहलू को दोबारा विचार लायक मानते हैं, पहला ECIR आरोपी को न देना और खुद को निर्दोष साबित करने का जिम्मा होना।
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