अजमेर जेएलएन अस्पताल व मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट दूसरे दिन भी मंगलवार को 2 घंटे कार्य बहिष्कार पर रहे। डॉक्टर्स ने इमरजेंसी के बाहर प्रदर्शन किया। सीनियर डॉक्टर्स की और से ओपीडी में व्यवस्था संभाली गई। रेजिडेंट डॉक्टर्स ने बुधवार से 3 घंटे कार्य बहिष्कार करने के चेतावनी दी है। रेजिडेंट संगठन के एसोसिएशन डॉ. दिलराज मीना ने बताया- 8 सूत्रीय मांगों को लेकर बहिष्कार किया गया है। 45 दिन पहले हड़ताल भी की थी। जिन मांगों पर सहमति बनी थी, आज तक उन पर काम शुरू नहीं हो सका है। इसे लेकर डॉक्टर्स वापस हड़ताल पर उतरे हैं। मीना ने कहा- कल से 3 घंटे का कार्य बहिष्कार किया जाएगा। अगर जल्द मांग पूरी नहीं हुई तो स डॉक्टर्स कार्य बहिष्कार पर चले जाएंगे। ये हैं रेजिडेंट एसोसिएशन की प्रमुख मांगें सभी मेडिकल कॉलेजों में सुरक्षा व्यवस्था और बुनियादी ढांचे की व्यवस्थाओं को पूर्व समझौतों के अनुसार सुदृढ़ किया जाए। स्टाइपेंड में वृद्धि और समय पर इंक्रीमेंट मिले। वर्तमान में राजस्थान में स्टाइपेंड पड़ोसी राज्यों और आर्थिक रूप से कमजोर राज्यों जैसे बिहार से भी कम है। अनिवार्य बॉन्ड नीति को संशोधित किया जाए। सीट छोड़ने की पैनल्टी और श्योरिटी बॉन्ड का प्रावधान भी हटाया जाए। पोस्ट ग्रेजुएट, सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को योग्यता आधारित नौकरियां देने के लिए विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारियों की सीधी भर्ती की जाए। सभी शाखाओं में जूनियर विशेषज्ञों की भर्ती की जाए जिनमें पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री प्रदान की जाती है। सरकार में 13 ऐसे विभाग हैं। जिनमें अनेकों सेवारत एवं गैर सेवारत चिकित्सक ने उक्त विशषज्ञाताओ में पोस्ट ग्रेजुएशन की है। अनेक चिकित्सक अध्यनरत है। हॉस्टल की रहने की स्थिति में सुधार किया जाए और एनएमसी के निर्देशानुसार उन सभी निवासियों को एचआरए प्रदान किया जाए जो सरकारी आवास का विकल्प नहीं चुन रहे हैं। शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक सीनियर रेजिडेंट्स के बीच वेतन असमानता को हल किया जाए। राज्य में कार्यरत इन-सर्विस डॉक्टर द्वारा सुपर स्पेशलिटी कोर्स पूरा करने पर, उन्हें उसी तरह पदोन्नति और वेतनवृद्धि दी जानी चाहिए।
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