हनुमानगढ़. अब पशुपालकों को पशु चिकित्सालय जाकर डॉक्टरों को बुलाने से निजात मिलेगी। क्योंंकि अब केवल एक कॉल पर वेटनरी वैन में कार्यरत स्टॉफ तत्काल पशुपालकों के पास पहुंचेंगे। प्रत्येक मोबाइल वेटरनरी वैन प्रतिदिन दो ग्राम पंचायत में जाकर बीमार पशुओं का इलाज करेगी। इस तरह महीने में ज्यादातर ग्राम पंचायतें कवर होने की उम्मीद है। खुशहाल-पशुपालक, समृद्ध राजस्थान सोच को साकार करते हुए सरकार काम करने जा रही है। पूरे प्रदेश में 536 तथा हनुमानगढ़ जिले में ग्यारह मोबाइल वेटरनरी वैन चलाई गई है। जानकारी के अनुसार जिले को आवंटित वेटनरी वैन में रावतसर, नोहर, भादरा और हनुमानगढ़ ब्लॉक में दो-दो, वहीं टिब्बी, संगरिया और पीलीबंगा ब्लॉक में एक-एक मोबाइल वेटरनरी वैन आवंटित की गई है। प्रत्येक मोबाइल वेटरनरी वैन प्रतिदिन दो ग्राम पंचायत में जाकर बीमार पशुधन का इलाज करेगी। पशुपालकों को पशुधन के बारे में जागरूक करेगी। प्रत्येक मोबाइल वेटरनरी वैन में एक चिकित्सक व एक कंपाउंडर सहित दवाइयां व चिकित्सा उपकरण भी मौजूद रहेंगे। बीसवीं पशुगणना रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में कुल पशुधन 5.68 करोड़ रही है। जो वर्ष 2012 में 5.77 करोड़ था। इस प्रकार 2019 में कुल पशुओं की संख्या में 1.66 प्रतिशत की कमी देखी गई। पशुओं का बेहतर उपचार होने तथा पशुपालन को बढ़ावा मिलने से इस व्यवसाय के प्रति किसानों का रुझान बढऩे की उम्मीद है।
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