रबी की फसल की बुआई का समय निकल रहा है और किसानों को इस वर्ष अब तक बाजार में डीएपी खाद उपलब्ध नहीं होने के कारण फसलों की बुआई व उपज को लेकर चिंता सताने लगी है। गौरतलब है कि पोकरण व भणियाणा उपखंड क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांवों में नलकूपों से सिंचाई कर रबी की फसल की बुआई की जाती है। कृषि भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए किसानों की ओर से फसल बुआई से पूर्व डीएपी खाद जमीन में डाली जाती है। उसके बाद फसल की बुआई की जाती है। प्रति वर्ष सितंबर तक सरकार की ओर से बाजार में डीएपी उपलब्ध करवाई जाती है। निजी कंपनियों के माध्यम से कुछ डीएपी की किस्म व सहकारी संस्थाओं के माध्यम से डीएपी किसानों को आपूर्ति की जाती है और किसानों की ओर से 15 से 31 अक्टूबर तक डीएपी खेतों में डालकर 15 नवंबर तक फसल बुआई का कार्य किया जाता है। इस वर्ष अब तक डीएपी बाजार में उपलब्ध नहीं होने के कारण किसानों को परेशानी हो रही है और उन्हें कम उपज की चिंता सताने लगी है।
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